8, సెప్టెంబర్ 2020, మంగళవారం

Very Nice Poem

Very Nice Poem About Life ,

समय चला , पर कैसे चला,
 पता ही नहीं चला ,
 ज़िन्दगी की आपाधापी में ,
कब निकली उम्र हमारी यारो ,
*पता ही नहीं चला ,*

कंधे पर चढ़ने वाले बच्चे ,
        कब कंधे तक आ गए ,
*पता ही नहीं चला ,*

किराये के घर से शुरू हुआ था सफर अपना ,
  कब अपने घर तक आ गए ,
*पता ही नहीं चला ,*

साइकिल के पैडल मारते हुए 
हांफते थे उस वक़्त,
कब से हम कारों में घूमने लगे हैं ,
*पता ही नहीं चला ,*

कभी थे जिम्मेदारी हम माँ बाप की ,
कब बच्चों के लिए हुए जिम्मेदार हम ,
*पता ही नहीं चला ,*

एक दौर था जब दिन में भी
            बेखबर सो जाते थे ,
कब रातों की उड़ गई नींद ,
*पता ही नहीं चला ,*

जिन काले घने बालों पर
     इतराते थे कभी हम ,
कब सफेद होना शुरू हो गए
*पता ही नहीं चला ,*

दर दर भटके थे नौकरी की खातिर ,
        कब रिटायर हो गए समय का ,
*पता ही नहीं चला ,*

बच्चों के लिए कमाने बचाने में 
                       इतने मशगूल हुए हम ,
                        कब बच्चे हमसे हुए दूर ,
*पता ही नहीं चला ,*

भरे पूरे परिवार से सीना चौड़ा रखते थे हम ,
अपने भाई बहनों पर गुमान था ,
  उन सब का साथ छूट गया ,
कब परिवार हम दो पर सिमट गया ,
*पता ही नहीं चला ,*

अब सोच रहे थे अपने
  लिए भी कुछ करे ,
         पर शरीर ने साथ देना बंद कर दिया ,
*पता ही नहीं चला*
🤔🤔🤔🤔🤔😯
It's reality of life
Dedicated to.. seniors!!
👍जीवन की सच्चाई है👍

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